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यूपी का UPPSC मामला : बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्यालय घुसे स्टूडेंट्स, बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती

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द फॉलोअप डेस्क 
यूपी उपचुनाव के बीच प्रयागराज में छात्रों का प्रोटेस्ट बढ़ रहा है। विपक्षी नेता भाजपा सरकार को घेर रहे हैं। आज सुबह हालात उस समय बिगड़ गए जब UPPSC मुख्यालय के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए। फिलहाल उस जगह बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती है। अब इसमें सियासी तड़का माहौल को गरमा रहा है। यूपी में उपचुनाव 20 नवंबर को है। अब यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने छात्रों के प्रोटेस्ट के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। कांग्रेस और सपा पर हमला करते हुए चौधरी ने कहा कि इस प्रकार से उपचुनाव की जो संभावनाएं तलाश रहे हैं, बच्चे सब समझ रहे हैं। वे किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आएंगे।

डिप्टी सीएम ने आज सुबह एक्स पर लिखा, 'उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं। 'सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं' – आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं। इस रुख के साथ सपा का “समाप्तवादी पार्टी” बनना तय है।

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए संवाद के माध्यम से हर संभव प्रयास कर रही है। हम युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति दृढ़ हैं, और सक्षम अधिकारी छात्रों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान सुनिश्चित करेंगे। युवा प्रदेश का भविष्य हैं, और भाजपा उनकी हर आकांक्षा के साथ मजबूती से खड़ी है।'

प्रयागराज में छात्रों की मांग क्या है?

- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस प्री’ और ‘आरओ एआरओ’ की परीक्षा दो दिन में कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों का प्रोटेस्ट चल रहा है।

- अभ्यर्थी अपनी एक दिन एक परीक्षा की मांग पर अड़े हैं। आंदोलन कर रहे छात्र ‘एक दिन, एक परीक्षा’ की अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखे हैं। 

- मंगलवार को उप्र लोक सेवा आयोग ने कहा था, ‘समय-समय पर प्रतियोगी छात्रों के आग्रह पर बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए व्यवस्था/परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाता रहा है।’

- आयोग ने कहा, ‘अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने का अभूतपूर्व निर्णय किया गया। इसी तरह से, अभ्यर्थियों के लंबे समय से ‘स्केलिंग’ हटाने की मांग पूरी की गई।’

- यूपी लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा है, ‘आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो। इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए। पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जिलों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही सेंटर मिल पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।’

- आयोग द्वारा ‘पीसीएस प्री’ की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ।।एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।

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